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February 04, 2024

अगर आपको किसी भी तरह के लोन, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करना है तो सबसे पहले आपका सिविल स्कोर या Credit score kya hai यह देखा जाता है। 

By Sujal Bishnoi

आपके द्वारा लोन या क्रेडिट कार्ड लेने के लिए कब आवेदन किया गया से ही आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बनती है, 

और इसी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर गणना करके एक तीन अंको की क्रेडिट रेटिंग जनरेट की जाती है। 

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इंडियन लोगों की क्रेडिट संबंधी गतिविधियों के आधार पर,  

क्रेडिट रेटिंग निर्धारित करने के लिए चार क्रेडिट ब्यूरो को अधिकृत किया गया है। 

इन चार में से सिविल भारत की सबसे पुरानी एक क्रेडिट सूचना कंपनी है, 

इसलिए भारतीय कंपनी सिविल के द्वारा दी गई क्रेडिट रेटिंग को सिविल स्कोर भी कहा जाता है। 

क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर की गणना 300 से 900 के बीच की जाती है। 

इस तीन अंको की क्रेडिट रेटिंग को ही क्रेडिट स्कोर कहा जाता है। 

लोन देने वाले आपका या कंपनी का इसी से आकलन या निर्धारण करते हैं कि, 

क्या आप या आपकी कंपनी लोन एग्रीमेंट के अनुसार निर्धारित समय में लोन भुगतान करने में सक्षम है या नहीं। 

अलग-अलग क्रेडिट ब्यूरो में क्रेडिट स्कोर निकालने का फार्मूला अलग-अलग हो सकता है, 

इसलिए किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर भी हर किसी क्रेडिट ब्यूरो अलग-अलग हो सकता है। 

क्रेडिट स्कोर व्यक्ति के उधार लेने की आधार पात्रता भी हो सकता है, 

क्योंकि लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन को मंजूरी दिलाने में क्रेडिट स्कोर प्रमुख भूमिका निभाता है। 

यदि आपका क्रेडिट स्कोर 700 से अधिक का है तो आपका लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन स्वीकार होने की संभावना अधिक होती है।

अगर आपका क्रेडिट स्कोर से कम है तो आपको लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

क्रेडिट स्कोर का निर्धारण आपकी बहुत सी गतिविधियों पर निर्भर होता है। 

अगर आपके द्वारा बार बार लोन या क्रेडिट कार्ड लेने के लिए inquery की जाती है  

तो ऐसी गतिविधियों का भी आपके क्रेडिट स्कोर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है  

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